विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा- मालदीव भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति की एक ‘मजबूत अभिव्यक्ति’ बना हुआ है

नई दिल्ली
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि मालदीव भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति की एक 'मजबूत अभिव्यक्ति' बना हुआ है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली हमेशा हिंद महासागर द्वीपसमूह के साथ खड़ा है, खासकर जब उसे चुनौतीपूर्ण समय में मदद की जरुरत होती है। विदेश मंत्री जयशंकर ने यह बात शुक्रवार को नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील के साथ बैठक के दौरान कही।

जयशंकर ने कहा, "हमने विभिन्न क्षेत्रों में अपने संबंधों को बढ़ाया है और मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि भारत हमेशा मालदीव के साथ खड़ा है। आप हमारी 'पड़ोसी पहले' नीति की मजबूत अभिव्यक्ति हैं।" इस दौरान दोनों पक्षों ने भारत सरकार की मदद से मालदीव में चरण-III के अंतर्गत सामुदायिक विकास परियोजनाओं के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।


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दोनों मंत्रियों ने अक्टूबर 2024 में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की राजकीय यात्रा के दौरान हुई सहमतियों पर प्रगति का जायजा लिया। इसके अलावा उन मुद्दों पर चर्चा की जिन पर और अधिक ध्यान देने की जरुरत है। खलील ने भारत की ओर से मालदीव को जरूरत के समय में दी गई आपातकालीन वित्तीय सहायता की सराहना की। उन्होंने कहा कि 2025 मालदीव-भारत संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष है क्योंकि दोनों देश औपचारिक राजनयिक संबंधों की स्थापना के 60 वर्ष पूरे हो रहे हैं।

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मालदीव के विदेश मंत्री ने कहा, "हमारी साझेदारी सदियों पुरानी है। हमारी साझेदारी आपसी समझ, सम्मान और साझा प्रतिबद्धता पर आधारित है। दशकों के विश्वास और मित्रता के साथ, यह आगे भी फलती-फूलती रहेगी… भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति के लाभार्थी के रूप में, मालदीव की सरकार भारत द्वारा दिए गए महत्व को समझती है। हमारे पास ऐसे कई उदाहरण हैं जहां भारत सरकार ने जरूरत के समय तत्काल मदद पहुंचाई है।"

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